भारतीय किसान यूनियन ने किसानों के एनपीए खातों पर निकाले जा रहे नोटिसों को निरस्त करने की मांग
एग्रीकल्चर सेक्टर को डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल कोर्ट से बाहर करने को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
श्रीगंगानगर, : भारतीय किसान यूनियन, श्रीगंगानगर द्वारा किसानों के ज्वलंत मुद्दों को लेकर रेलवे स्टेशन के सामने स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा साहिब में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिला संयोजक गगनदीप सिंह ढिल्लों (2 पी.एस.) तथा जिलाध्यक्ष संदीप सिंह ने बताया कि बैठक में किसान हित में अनेक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के पश्चात् जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को ज्ञापन भेजकर तथा शाखा प्रबंधक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा जवाहरनगर, शाखा प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक शाखा मीरा चौक, शाखा प्रबंधक केंद्रीय सहकारी बैंक, शाखा पोस्ट ऑफिस के सामने एवं शाखा प्रबंधक मरुधरा ग्रामीण बैंक, शाखा मीरा चौक, श्रीगंगानगर को ज्ञापन सौंपकर किसानों के एनपीए खातों पर कानूनी कार्यवाही के लिए नोटिस निकालने की कार्यवाही अविलम्ब बंद करने तथा एग्रीकल्चर सेक्टर को डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल कोर्ट से बाहर करने की मांग की।
जिला संयोजक गगनदीप सिंह ढिल्लों (2 पीएस) ने कहा कि श्रीगंगानगर जिले के किसानों को पिछले तीन-चार सालों से फसल खराब का सामना करना पड़ रहा है। तीन-चार सालों से लगातार किसानों की फसल नरमे को सुंडी का प्रकोप तथा सरसों को फंगस बिमारी व झाड़ कम होने की वजह से फसल की उपज में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। फसल के भाव कम होने के कारण व उपज लागत से कम होने के कारण किसान काश्तकारों का खर्चा भी पूरा नहीं हो रहा है।
इस कारण किसानों को केसीसी ऋऋण जमा करवाने में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। इसके बावजूद किसानों को बैंक वाले परेशान कर रहे है एवं नोटिस निकलवा रहे है। फसल खराब व कम उपज के कारण किसान अपने केसीसी खातों के ऋऋटा जमा करवाने में असमर्थ है, इस कारण केसीसी खाते एनपीए हो चुके हैं। किसानों की कृषि भूमि को औने पौने दामों में कुर्क किया जा रहा है, जो कतई न्यायोचित नहीं है। किसानों की माली हालात बहुत खराब है तथा केसीसी भरने में असमर्थ है। भारतीय किसान यूनियन ने मांग की है कि किसानों की माली हालत को ध्यान में रखते हुए कानूनी नोटिस कार्यवाही रोकने व डीआरटी कोर्ट जयपुर को रद्द करने के संबंध में किसानों के मुद्दों पर विचार किया जावे।
इसके साथ-साथ किसानों का 6 माह के लिये केसीसी ऋऋण भरने का समय दिया जावे तथा एग्रीकल्चर सेक्टर को डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल कोर्ट से बाहर किया जावे एवं फसल की ऑनलाइन नीलामी करना बंद किया जावे। जिला संयोजक गगनदीप सिंह ढिल्लों 2 पीएस, जिलाध्यक्ष संदीप सिंह केरा चक, मनिंदर मान व गुरलाल सिंह बराड़ आदि किसान नेताओं ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि जिला प्रशासन व बैंक अधिकारीगण किसानों को बेवजह परेशान न करें।
जमीन किसान की मां होती है तथा भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसी भी किसान की जमीन नीलाम नहीं होने दी जाएगी। भारतीय किसान यूनियन किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है तथा किसानों के साथ अन्याय कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस अवसर पर रमन बब्बू सेखों 11 जी, रंधावा, गुरविंदर सिंह अकांवाली, गुरलाल सिंह बराड़ रोटांवाली, गुरविंदर सिंह, अमरीक सिंह दलियावाली, बोहड़ सिह, गुलाब सिंह, रघुवीर ताखर, हरदीप सिंह 46 एफ, विनोद जाखड़, रामेश्वर लाल आदि बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।